इंटरनेट कैसे काम करता है Internet Network
सर्वर किसे कहते है What is Server
इंटरनेट से जुड़े कंप्यूटर क्लाइंट और सर्वरों का इस्तेमाल कर दुनिया भर में एक दूसरे को Data Tranfer करते है। वह कंप्यूटर जो किसी Network के स्रोतों जैसे प्रोग्राम और डाटा को व्यवस्थित करता है और एक केंद्रीय स्टोरेज एरिया उपलब्ध करता है सर्वर कहलाता हैवह कंप्यूटर जो इस Storage Area तक एक्सेज कर प्रोग्राम या डाटा लेना चाहता है Client कहलाता है। इंटरनेट पर एक क्लाइंट जो कई सारे सर्वरो के फाईलो और प्रोग्रामो तक एक्सेस कर सकता है Host Computer कहलाता है। आपका कंप्यूटर होस्ट कंप्यूटर ही है।
इंटरनेट की अंदरुनी संरचना में एक Transportation System होता है। एक ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम में ट्रैफिक का ज्यादातर लोड हाईवे वहन करते है। जो बड़े शहरो को जोड़ते है। ठीक इशी प्रकार इंटरनेट में कुछ मुख्य कम्युनिकेशन लाईने होती है जो ट्रैफिक का अधिकतम भर वहन करती है। इन Communication लाईनों को संयुक्त रूप से इंटरनेट backbone कहते है।
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इंटरनेट एक पैकेट आधारित नेटवर्क है। इसका मतलब है की जो डाटा आप ट्रांसफर करते है वह पैकेट में बट जाता है तो तब क्या होता है जब आप इंटनेट के विभिन्न नेटवर्कों के बीच डाटा ट्रांसफर करते है। नेटवर्क नेटवर्क विशेष कम्प्यूटरों से जुड़े होते है जिनको राऊटर कहते है।
एक Router पहले यह चैक करता है की आपके Packet (डेटा) को कहाँ जाना है फिर वह यह तय करता है की किस दिशसा में इसे भेजा जाए। यह संभव नहीं है की प्रत्येक राऊटर अन्य दूसरे राऊटर से जुड़ा हो। वे सिर्फ आपके डाटा की दिशा तय करते है। राऊटर को यह बताने के लिए की डेटा को कहाँ जाना है , एक तरह का एड्रेस होता है जो ip कहलाता है। IP (Internet Protocol ) के साथ ट्रांफर होने वाला डाटा पैकेट में बटा होता है। यह एक अन्य प्रोटोकॉल द्वारा हैंडल किया जाता है जिसे TCP (transmission control protocol ) कहा जाता है।
बाद में यह खोज गया की IP एड्रेस जो वास्तव में सिर्फ नंबर होते है कंप्यूटर तो आसानी से हैंडल कर सकता है लेकिन मनुष्य होने के नाते हमारे लिए यह संभव नहीं होता। इससे निपटने के लिए 1984 में डोमेन नाम अस्तित्व में आया। Domain Name Internet पर किसी व्यक्ति के अकाउंट लोकेशन होते है।
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