डिजिटल कंप्यूटर के बेसिक पार्ट्स : Basic Parts of Digital Computer
Basic Parts of Digital Computer : किसी भी डिजिटल कंप्यूटर में कोई भी कार्य तीन प्रकार से होते हैं। जो कि नीचे ब्लॉक डायग्राम के जरिए दिखाए गए हैं।
कंप्यूटर के इन तीनों भागों का काम अलग-अलग होता है। सबसे पहला आता है।
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Basic Parts of Digital Computer |
इनपुट डिवाइस Input Devices
यह जरूरी डेटा और सूचनाओं को इनपुट करता है यानी जो डाटा कंप्यूटर में डाले जाते हैं। यह यूजर के द्वारा कंप्यूटर से कम्युनिकेट करने में असमर्थ होते हैं। क्योंकि यह सिस्टम से कम्युनिकेट करने में सीधे तौर पर सक्षम नहीं होते।
कीबोर्ड Keybord
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Keyboards |
कीबोर्ड सबसे ज्यादा इस्तेमाल में आने वाला इनपुट डिवाइस है। यह हर तरह के कंप्यूटर लैपटॉप में आपको मिलेगा। आजकल कई प्रकार के कीबोर्ड उपलब्ध हैं। लेकिन इनमें सभी एक दूसरे से अलग-अलग होते हैं। कंप्यूटर कीबोर्ड टाइप राइटर के कीबोर्ड से लगभग मिलता-जुलता हुआ होता है। लेकिन कंप्यूटर के कीबोर्ड में कुछ एक्स्ट्रा बटन होते हैं। ज्यादातर आज के बाजार में पाए जाने वाले विभिन्न प्रकार के कीबोर्ड में असमानता का मुख्य कारण उनमें पाए जाने वाली किज की संख्या है।
माउस Mouse

Mouse

यह ऐसा इलेक्ट्रो मैकेनिकल डिवाइस है। जो हाथ से चलाया जाता है। जबसे जीयूआई यानी ग्राफिकल यूज़र इंटरफ़ेस का अविष्कार हुआ। तब से उसकी उपयोगिता बहुत ही ज्यादा बढ़ गई है। यह एक पॉइंटिंग डिवाइस के रूप में कई कार्यो को करने में प्रयोग किया जाता है।
जैसे :
- मीनू कमांड को सिलेक्ट करने के लिए।
- इकन को चलाने के लिए।
- विंडो उसका साइज़ कम ज्यादा करने के लिए।
- प्रोग्राम को रीस्टार्ट करने के लिए।
- विकल्पों को सेलेक्ट करने के लिए।
माउस में आमतौर पर दो बटन होते हैं। राइट बटन और लाइक बटन साथी एक रोलर भी लगा होता है, जो नेट पर ब्राउजिंग करते समय अधिकतर काम में लिया जाता है। नीचे चित्र में माउस को दिखाया गया है.
जोस्टिक Joysticks

Joysticks

जस्टिस एक पॉइंटिंग डिवाइस है जो आमतौर पर कंप्यूटर पर गेम खेलने के लिए इस्तेमाल होता है।
यह डिवाइस कीबोर्ड और माउस के मुकाबले गेम खेलने के दौरान ज्यादा कंट्रोल प्रदान करता है। कंप्यूटर के गेम पोर्ट पर इसे जोड़ा जाता है। लेकिन आज के समय गेम पोर्ट लगभग खत्म हो चुके हैं। और उनकी जगह USB ने ले लिया है। अब जस्टिस भी USB कनेक्टर के साथ आते हैं।
स्कैनर Scanner

Scanner

यह डिवाइस ऑटोमेटिक डाटा कलेक्शन के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं। इस सीरीज में डिवाइस मैनुअल इनपुट को पूरी तरह से अलग कर देते हैं। स्कैनर दो प्रकार के होते हैं।
(1)MRC (Magnetic Character Recognition)
(2)ORC (Optical Character Recognition)
MRC (Magnetic Character Recognition)Scanner बैंक में चेक क्लीयरिंग सिस्टम में वर्तमान में बहुत ज्यादा उपयोगी साबित हो रहे हैं। जिसमें चैको में लिखी जाने वाली समस्त जानकारी मैग्नेटिक इंक द्वारा लिखी जाती है। जिन्हे इस स्केनर द्वारा पढ़कर चेकों की शॉर्टिंग का काम और प्रोसेस कंट्रोल डिवाइस द्वारा कंप्यूटर के जरिए से कंट्रोल कर दिया जाता है। इस सिस्टम के द्वारा महज 5 मिनट में 5 से 7000 चेक बेंच वाइस छांटकर एकत्रित किया जा सकता है। इसके साथ ही उनकी एक ब्रांच लिस्ट भी प्रिंट हो जाती है। जिसको मैनुअली करने पर 5 से 7 दिन का समय लग जाता था।
ORC (Optical Character Recognition) स्केनर में डिजिटाईज़िंग इमेज डाक्यूमेंट्स को स्कैन किया जाता है। आजकल इसका इस्तेमाल आंसर शीट की जांच करने के लिए किया जाता है। जहां पर भी प्रश्नों के उत्तर विभिन्न दिए गए विकल्पों में से एक सही विकल्प चुन कर दिया जाता है। आजकल बैंक तथा विभिन्न प्रकार की प्रतियोगी परीक्षाएं इसी आधार पर ली जाती है। और उत्तर पुस्तिकाओं की जांच इन्हीं स्कैनर के द्वारा की जाती है। जिससे रिजल्ट बहुत जल्दी बिना किसी गलतियों के मिल जाता है। इसके अलावा कुछ स्कैनर नॉर्मल वर्क के लिए भी होते हैं : जिनसे किसी भी इमेज को स्कैन किया जा सकता है।
लाइट पेन Light Pen

Light Pen

यह दिखने में एक पेन की तरह ही होता है। यह एक इनपुट डिवाइस है। इसने फोटो सेल अंदर लगा होता है। इसे सीधी स्क्रीन पर चलाया जाता है। जैसे ही हम पेन की नोक को स्क्रीन की सतह पर चलाते हैं। वैसे ही है स्क्रीन के लिमिटेड एरिया में आने वाली लाइट को डिटेक्ट करने मे कैपेबल हो जाता है। इस तरह जब हम इस स्क्रीन पर एक ऑब्जेक्ट को सेलेक्ट करना चाहते हैं तो हम पेन की नोक को स्क्रीन के उस भाग पर रखते हैं। जहां ऑप्शन लिखा होता है। और डिवाइस पर दिए गए बटन को दबाकर इससे प्रोसेसर को एक इलेक्ट्रिकल रिस्पांस भेजा जाता है। जो स्क्रीन पर दिए गए ऑप्शन की पहचान कर उस क्रिया को कर देता है।लाइट पेन ज्यादातर ग्राफिकल काम के लिए इस्तेमाल होता है। स्क्रीन पर सीधे ही ड्राइंग बनाने के लिए इस्तेमाल में लाया जाता है।
आउटपुट डिवाइस Output Devices
आउटपुट डिवाइस कंप्यूटर के द्वारा आउटपुट को इंसान के द्वारा समझने के लायक बनाते हैं। यह वह डिवाइस होते हैं जो कंप्यूटर से जुड़कर आउटपुट देते हैं। जिनको भविष्य में भी उपयोग में लाया जा सकता है। जैसे :
मॉनिटर Monitor

Monitor

CPU से मिलने वाले इंफॉर्मेशन मॉनिटर पर डिस्प्ले की जाती है, जो सीपीयू में एक वीडियो एडाप्टर कार्ड के द्वारा जोड़ा जाता है। सिस्टम में प्रोसेस की हुई इंफॉर्मेशन जिसे डिस्प्ले करना होता है। वीडियो कार्ड को दी जाती है। वीडियो कार्ड CPU के द्वारा इस्तेमाल की गई फॉर्मेट को मॉनिटर के द्वारा उपयोग गई की गई फॉर्मेट में बदलता है। मॉनिटर इंफॉर्मेशन को ठीक उसी तरह डिस्प्ले करता है। जिस प्रकार एक टेलीविजन, केवल सर्विस ऑपरेटर, के द्वारा भेजी गई सूचनाओं को डिस्प्ले किया जाता है। जब हम कोई भी सूचना यह संदेश/अक्षर कीबोर्ड, माउस ,लाइट पेन के जरिए से CPU में प्रोसेस करते हैं .तो है प्रोसेस होकर तुरंत ही हमें इसी Monitor पर दिखाई देती है।
प्रिंटर Printer

Printer

जब एक डॉक्यूमेंट कंप्यूटर पर तैयार किया जा चुका होता है, तो इसका प्रिंट आउट करने के लिए इसे प्रिंटर पर दिया जाता है। प्रिंटर भी अपने काम के हिसाब से कई तरह के होते हैं। जैसे: डी एम पी प्रिंटर, लेजर प्रिंटर, इंकजेट प्रिंटर, लाइन मैट्रिक्स प्रिंटर, लाइन प्रिंटर, डेज़ी व्हील प्रिंटर इत्यादि।
प्लॉटर Plotter

Plotter Printer

जब हमें जटिल ड्राइंग या नक्शों को प्रिंट करना होता है तो इस उपकरण को काम में लिया जाता है। इस डिवाइस में एक क्लिप ट्रैक में विभिन्न रंगों के पैन लगे होते हैं। एकआर्म जो सॉफ्टवेयर के नियंत्रण में कार्य करती है। उपयुक्त पैन को सेलेक्ट कर चित्र बनाने का काम किया जाता है।
प्रोसेस डिवाइस Process Devices
इसे हम CPU (सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट) के नाम से जानते हैं। इसमें आमतौर पर तीन भाग होते हैं।
(1) ALU (अर्थमेटिक लॉजिक यूनिट)
(2) स्टोरेज अथवा मेमोरी
(3) CU (कंट्रोल यूनिट)
अर्थमेटिक लॉजिक यूनिट :सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट का एक भाग होता है। और यह कंप्यूटर की सभी इलेक्ट्रॉनिक मैथमेटिक्स कैलकुलेशन करता है। इसके साथ यह सभी अर्थमेटिक काम जैसे : जोड़, घटा, गुणा और लॉजिकल काम करता है।
स्टोरेज या मेमोरी इसका काम कंप्यूटर में काम करते समय इस्तेमाल में लिए जाने वाले डाटा और सूचनाओं को स्टोर कर के रखना होता है। ताकि फ्यूचर में आवश्यकता पड़ने पर इन्हीं सूचनाओं को दुबारा से काम में लिया जा सके। मेमोरी में सूचनाओं की हर एक बिट का अपना एक यूनिक एड्रेस या लोकेशन होती है जो कि जरूरत पड़ने पर ALU के द्वारा एक्सेस की जा सकती है। एक सिंपल स्टोरेज डिवाइस जैसे :IC मेमोरी, मैग्नेटिक टेप ,फ्लॉपी डिस्क, हार्ड डिक्स, कॉन्पैक्ट डिस्क, पेन ड्राइव, फ़्लैश कार्ड आदि। कंट्रोल यूनिटCPU का ही भाग होता है और यह कंप्यूटर का मुख्य भाग कहलाता है। इसका काम डाटा या सूचना के आदान प्रदान को कंट्रोल करना होता है। जैसे कि एक ही समय पर कंप्यूटर को दो अलग-अलग काम करने हो तो, अलग-अलग कार्यो के निर्देशों की अनुपालना करनी होती है। इस काम को CPU में इसी विभाग द्वारा एडिट किया जाता है।
इन सभी ऊपर बताए गए इनपुट आउटपुट कंट्रोल यूनिट। अर्थमेटिक एंड लॉजिकल यूनिट। आउटपुट डिवाइस एवं मेमोरी का ब्लॉक डायग्राम नीचे दिया गया है
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Computer Process Devices Block Diagram |
टाइप ऑफ़ कंप्यूटर, कम्प्यूटर के लाभ और हानि.
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